घरेलु और बहार की दुनिया दोनों मे उन्के दखल है पर घर के उनके काम काज को तरजीह न देकर केवल उनपर ही लाद देना सही नहीं है घर के सभी लोगों को आपस मे मिल बाँट कर घर के कामो मे हाथ बटाना होगा और महिलाओ को खुद आगे बढ़ कर आपने श्रम का मूल्य माँगना होगा और यह तभी हो सकता है की महिलाये घर की काम को केवल अपने हिस्से का काम काम न समझे क्योंकि घर तो सबका है।