इस शेष पदार्थ को यदि हम दो भागों मेंविभक्त करें तो इसका प्रथम २० प्रतिशत भाग खनिज पदार्थ एवं क्षार के रूपमें खाद में मिलता है तथा शेष ८० प्रतिशत भाग का एक हिस्सा जिसमें १५प्रतिशत प्रोटिन एवं २० प्रतिशत लिग्निन होता है.
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इस शेष पदार्थ को यदि हम दो भागों में विभक्तकरें तो इसका प्रथम २० प्रतिशत भाग खनिज पदार्थ एवं क्षार के रूप में खादमें मिलता है तथा शेष ८० प्रतिशत भाग का एक हिस्सा जिसमें १५ प्रतिशतप्रोटीन एवं २० प्रतिशत लिग्निन होता है.
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लिग्निन:-एक गुदे जैसा पदार्थ जो एलो वेरा की पत्तियों की जेली में शामिल सेलुलोज के साथ पाया जाता है | इसकी उपस्थिति इस बात का सूचक है की यह मनुष्य की त्वचा में गहराई तक जाने की अत्यधिक क्षमता रखता है |
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सफेद-सड़े फफूंद बाह्यकोशिकीय पराक्सिडेजों का स्राव करते हैं जो विशेषकर लिग्निन का अवक्रमण करते हैं और कुछ कम हद तक सेलूलेजों का स्राव करते हैं जो पॉलिसैक्राइडों का अवक्रमण करके सरल शर्कराओं का उत्पादन करते हैं जो इन सूक्ष्मजीवों के पोषण के काम आती हैं.
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सफेद-सड़े फफूंद बाह्यकोशिकीय पराक्सिडेजों का स्राव करते हैं जो विशेषकर लिग्निन का अवक्रमण करते हैं और कुछ कम हद तक सेलूलेजों का स्राव करते हैं जो पॉलिसैक्राइडों का अवक्रमण करके सरल शर्कराओं का उत्पादन करते हैं जो इन सूक्ष्मजीवों के पोषण के काम आती हैं.
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चुकी हमारी 90 प्रतिशत बीमारियाँ पेट से उत्पन्न होती है और इन सब बिमारियों का कारण है-हमारी आंते साफ़ ना होना और एलोवेरा में मौजूद सापोनिन और लिग्निन आँतों में जमे मैल को साफ़ करके इनको पौष्टिकता प्रदान करता है | शरीर में किसी भी प्रकार के रोग का होना अन्दुरुनी सिस्टम में गरबरियाँ को दर्शाती है |
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चुकी हमारी 90 प्रतिशत बीमारियाँ पेट से उत्पन्न होती है और इन सब बिमारियों का कारण है-हमारी आंते साफ़ ना होना और एलोवेरा में मौजूद सापोनिन और लिग्निन आँतों में जमे मैल को साफ़ करके इनको पौष्टिकता प्रदान करता है | शरीर में किसी भी प्रकार के रोग का होना अन्दुरुनी सिस्टम में गरबरियाँ को दर्शाती है |
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दूसरे चरण में जैविक स्रोतों से अल्कोहल बनाने के नए विकल्प, जैसे लिग्नोसेल्यूलोज़ (लिग्निन और सेल्यूलोज़-काष्ठ के बुनियादी अंश) को सूक्ष्म-जीवों (microorganisms) द्वारा ग्लूकोज़ और ज़ाईलोज़ (xylose) जैसे शर्कराओं में बदलकर और फिर उनसे किण्वन (फर्मेंटेशन) से ईथानोल प्राप्त करने, या ताप के जरिए जैविक सामग्री को ईंधन में बदलने पर काम होता रहा है।
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एलो वेरा में मौजूद लिग्निन और सेपोनिन प्राकृतिक तरीके से आपके पेट के अन्दर की आंत को अच्छी तरह से सफाई कर देते है | जब आपके पाचन प्रणाली का टाक्सिन निकल जाता है तो आप अन्दर और बाहर दोनों रूप से स्वस्थ्य हो जाते है | अतः एलो वेरा आपके घर का वैद्य है जब तक आपके पास है आपको प्रार्थमिक चिकित्सा की शायद आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी | aloe vera gel
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एलो में “ लिग्निन ” नामक तत्व है जो इसे कोशिकीय स्तर तक पहुँचने में मदद करता है | इसमें ” सैपोनिन ” नामक एक अन्य तत्व भी है जो प्राकृतिक रूप से सफाई करने का काम करता है | ये दोनों तत्व एक साथ मिलकर त्वचा के कोशिकीय स्तर तक पहुचते है और त्वचा की परतों से जहरीले पदार्थ को सतह पर लाते है और धीरे-धीरे प्रणाली में से निकाल देते है |