‘ लेप्टॉन का नामकरण करने वाले वैज्ञानिक का नाम का लियो रोजेन फील्ड जिसमें सन् 1948 में सर्वप्रथम ' लेप्टॉन ` शब्द का उपयोग किया।
22.
‘ लेप्टॉन का नामकरण करने वाले वैज्ञानिक का नाम का लियो रोजेन फील्ड जिसमें सन् 1948 में सर्वप्रथम ' लेप्टॉन ` शब्द का उपयोग किया।
23.
सभी प्रकार के लेप्टॉन कणों (जिनमें इनके न्यूट्रीनों कण भी शामिल है) के प्रति कण (ऐंटी पार्टिकिल्स) भी पाये जाते है।
24.
जबकि अनाविष्ट लेप्टॉन कण (इलेक्ट्रॉन न्यूट्रीनो, म्युऑन न्यूट्रीनो एवं टाउ न्यूट्रीनों) या तो पिण्डमान रहित होते हैं अथवा नगण्य पिण्डमानयुक्त होते हैं।
25.
इलेक्ट्रॉन, लेप्टॉन परिवार के प्रथम पीढी का सदस्य है, जो कि गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकत्व एवं दुर्बल प्रभाव सभी में भूमिका निभाता है।
26.
कण भौतिकी के स्टैंडर्ड मॉडल के अनुसार ' लेप्टॉन ` एक प्रकार के प्राथमिक (एलेमेंटरी) उप परमाणविक (सब ऐटोमिक) कणों का परिवार है।
27.
पहला है आविष्ट (चार्ज्ड) लेप्टॉन, तथा दूसरा है अनाविष्ट या उदासीन (न्यूट्रल) लेप्टॉन जिसे सामान्य तौर पर ' न्यूट्रीनो ` कहा जाता है।
28.
पहला है आविष्ट (चार्ज्ड) लेप्टॉन, तथा दूसरा है अनाविष्ट या उदासीन (न्यूट्रल) लेप्टॉन जिसे सामान्य तौर पर ' न्यूट्रीनो ` कहा जाता है।
29.
तात्पर्य यह है कि लेप्टॉन कणों में उच्चतर पिण्डमान अवस्था (म्युआन एवं टाउ) से निम्नतर पिण्डमान अवस्था (इलेक्ट्रॉन) मेंपरिवर्तन होना एक सामान्य प्रक्रिया है।
30.
परन्तु आविष्ट लेप्टॉन (इलेक्ट्रॉन, म्युऑन एवं टाउ) कण हिग्स बोसोन फील्ड के साथ पारस्परिक क्रिया (इंअरऐक्षन) कर एक प्रभावी पिण्डमान प्राप्त कर लेते हैं।