संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात आलोचक प्रो 0 मैनेजर पांडेय ने कहा कि मिथकों की बात करते समय लोक गाथा, लोकरीति, लोकविश्वास, लोकरूढि को अलग-अलग रख कर विचार करने की जरूरत है।
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व्यापार-व्यवसाय से जुड़े होने के बावजूद वे लोक रंग लोकरीति और लोक कलाओं के संरक्षण के प्रबल इच्छुक थे और इसलिए उन्होंने अपनी इस विशालकाय चौक की हवेली के बाहर दो बैठकें, आकर्षक द्वार और भीतर सोलह कक्षों का निर्माण करवाया था जिनके भीतर कोटडि़यों, दुछत्तियों, खूटियों, कडि़यों की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई थी।
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व्यापार व्यवसाय से जुड़े होने के बावजूद वे लोकरंग, लोकरीति और लोककलाओं के संरक्षण के प्रबल इच्छुक थे और इसीलिए उन्होंने अपनी इस विशालकाय चौक की हवेली में बाहर दो बैठकें, आकर्षक द्वार तथा भीतर सोलह कक्षों का निर्माण करवाया था जिनके भीतर कोटडयां, दुसत्तियां, खूटियों, कडियों की पर्याप्त व्यवस्था रखी गयी थी।
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नयनाभिराम दृश्य समेटे मेरे पहाड़ की लोकरीति के अनुसार पूरे साल नहीं केवल चैत के महीने ही मांग कर गुजारा करने वाले ' चैती ' के भावपूर्ण बोल और ढोल वादकों के ढोल पर मंत्रमुग्ध ताल भी आपको सुनने को मिलेगी, वहीं इतराते इठलाते मस्त युवाओं के ठुमके भी देख सकोगे तो चित्ताकर्षक अभिनय करती सुंदरियों का नृत्य भी.}