शरीर में हर्निया का सबसे प्रमुख स्थान उदर है और इसके अतिरिक्त सामान्यतः बनने वाली हर्निया इस प्रकार है: वंक्षण हर्निया (इंग्यूनल हर्निया): इस प्रकार की हर्निया साधारणतः दो कारणों से होती है:
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धनु लग्न: शुक्र सप्तम भाव में राहु या केतु से युक्त, या दृष्ट हो, बुध अष्टम में, शनि षष्ठ भाव में मंगल से युक्त हो, लग्नेश अष्ट भाव में सूर्य से अस्त हो, तो जातक वंक्षण हर्निया होने से तकलीफ पाता है।