राज्य में अधिकृत रूप से दर्ज वनक्षेत्र 15, 154 वर्ग किलोमीटर है, किंतु वास्तव में वनाच्छादित क्षेत्र 17,418 वर्ग किलोमीटर है जो कुल क्षेत्रफल का 78 प्रतिशत है।
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राज्य में अधिकृत रूप से दर्ज वनक्षेत्र 15, 154 वर्ग किलोमीटर है, किंतु वास्तव में वनाच्छादित क्षेत्र 17,418 वर्ग किलोमीटर है जो कुल क्षेत्रफल का 78 प्रतिशत है।
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कुल वनाच्छादित क्षेत्र का 7 प्रतिशत अति सघन वन क्षेत्र, 36 प्रतिशत सघन वन, 39 प्रतिशत विरल वन और 18 प्रतिशत खुला क्षेत्र में शामिल है।
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सौराष्ट्र कृषि क्षेत्र में क्रमिक बसाव प्रणाली को देखा जा सकता है, जबकि उत्तर और पूर्व के बाह्य क्षेत्रों में बिखरी हुई छोटी-छोटी बस्तियाँ हैं, जो शुष्क, पर्वतीय या वनाच्छादित क्षेत्र हैं।
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दूसरा मुख्य कारण वनों और जंगलो कि अवैध कटाई है, भारत में वनाच्छादित क्षेत्र दिनों-दिन कम होता जा रहा हैं और इसको नियंत्रित करनें कि सभी प्रयास अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके हैं।
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दूसरा मुख्य कारण वनों और जंगलो कि अवैध कटाई है, भारत में वनाच्छादित क्षेत्र दिनों-दिन कम होता जा रहा हैं और इसको नियंत्रित करनें कि सभी प्रयास अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके हैं।
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दूसरा मुख्य कारण वनों और जंगलो कि अवैध कटाई है, भारत में वनाच्छादित क्षेत्र दिनों-दिन कम होता जा रहा हैं और इसको नियंत्रित करनें कि सभी प्रयास अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके हैं।
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प्रदेश के कुल वनाच्छादित क्षेत्र में से मात्र 6, 640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अति सघन और 34 हजार 986 वर्ग किलोमीटर में सघन वन हैं, जिसे और अधिक बढ़ाए जाने की जरूरत है।
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छत्तीसगढ़ प्रदेश एक ओर जहां वनाच्छादित क्षेत्र होने से सुंदर एवं प्राकृतिक वातावरण के साथ विशेष महत्व रखता है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक आस्था भी प्रदेश के नागरिकों में कूट-कूटकर भरी हुई है।
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सौराष्ट्र कृषि क्षेत्र में क्रमिक बसाव प्रणाली को देखा जा सकता है, जबकि उत्तर और पूर्व के बाह्य क्षेत्रों में बिखरी हुई छोटी-छोटी बस्तियाँ हैं, जो शुष्क, पर्वतीय या वनाच्छादित क्षेत्र हैं।