वादिनी द्वारा अपने वाद-पत्र में कथन किया है कि दिनांक-13. 3.1995 से उसके पति बिना किसी सूचना के लापता हो गये तथा आजतक घर नहीं लौटे है और उन्हें लापता हुए 7 वर्ष से अधिक अवधि बीत चुकी है।
22.
उल्लेखनीय है कि वादीगण ने कोई विवरण नही दिया है कि किस तरीके से बैनामा उप-निबन्धक के कार्यालय में फर्जी ढंग से पंजीकृत कराया गया अतएवं वाद अस्पष्ट है तथा आदेश के दृष्टिगत वाद-पत्र उसमें वर्णित कथन ग्राहय नही है।
23.
ऐसी स्थिति में, धारा-106 पंचायत राज अधिनियम की नोटिस का अभाव तथा वाद-पत्र में उसके प्रकथन का अभाव वाद को जड़ से काट देता है, ऐसा वाद चलने योग्य नहीं होता है, वाद खारिज किये जाने योग्य हो जाता है।
24.
वादी द्वारा संक्षेप में वाद-पत्र इन कथनों के साथ प्रस्तुत किया गया है कि वादी एवं प्रतिवादी दोनों सगे भाई हैं एवं गाटा सं0-719 रकबा-0. 074 हे0 स्थित मौजा कुकरहटा टप्पा डैया तहसील कोराव जिला इलाहाबाद के सहभूमिधर एवं सहकाश्तकार है।
25.
निस्तारण वाद-बिन्दु सं 0-1 इस वाद-बिन्दु के अन्तर्गत यह साबित किया जाना है कि क्या वादी वाद-पत्र में वर्णित आधारो पर प्रतिवादी के विरूद्ध वांछित अनुतोष डिक्री वास्ते स्थायी व्यादेश विकल्प में बंटवारा विवादित आराजी की डिक्री पाने का अधिकारी है?
26.
वाद-पत्र के साथ संलग्न मानचित्र में लाल और नीले रंग से प्रदर्शित सार्वजनिक मार्ग प्रतिवादीगण के मकान से लगभग 2 गज की दूरी की भूमि छोड़ने के बाद पूर्व ओर आबादी व बाजार के लिए जाती है जो सैकड़ो वर्ष पुरानी है।
27.
वादिनी द्वारा संक्षेप में वाद-पत्र इन कथनों के साथ प्रस्तुत किया गया है कि वादिनी के पति अनिल कुमार पाण्डेय प्रतिवादी सं0-4 के कार्यालय में कनिष्ट लिपिक के पद पर कार्यरत रहे जो कि दिनांक-13. 3.1995 से बिना किसी सूचना के लापता हो गये।
28.
प्रतिवादी सं0-1 द्वारा अपना बयान तहरीरी 27ए के माध्यम से प्रस्तुत किया गया और वाद-पत्र के अधिकांश अभिकथनो को स्वीकार करते हुए प्रश्नगत मकान का वादी को मालिक बताया है तथा कहा है कि प्रतिवादीगण का कोई वास्ता सरोकार उक्त मकान से नहीं है।
29.
वादीगण ने वाद-पत्र की धारा 1 में जो लिखा है कि वादीगण व प्रतिवादीगण सं0-2 व 3 मकान स्थित मोहल्ला कटरा वार्ड सं0-7 में रहते है बिलकुल गलत है वस्तुतः अमीनी बीबी बंटवारे के पश्चात से ही वार्ड नं0-2 के मकान में रहती है।
30.
निस्तारण वाद-बिन्दु सं 0-7 इस वाद-बिन्दु के अन्तर्गत यह साबित किया जाना है कि क्या दौरान मुकदमा प्रतिवादीगण द्वारा किये गये निर्माण अक्षर प, व, ल, र, वाद-पत्र संस्थित करते समय प्रदर्शित विवादित भूमि का हिस्सा है तथा उसपर निर्माण दौरान मुकदमा किया गया है?