12वीं कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते हिन्दी की बहुत सारी कवितायें / गजल/गीत लिखे परंतु कभी संजोकर नहीं रखा और वो सभी रचनायें गुम हो गयीं, कुछ हास्य कवितायें स्कूल/कालेज की वाषिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं, तत्पश्चात राघव ने दिल्ली आकर एक छोटे से संस्थान से कम्प्यूटर साफ्ट्वेयर का प्रशिक्षण ले जीविका निर्वाह में जुट गये, नौकरी के साथ-साथ कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग में स्वयं दक्षता हासिल कर वर्तमान में एक निर्यात संस्थान में कम्प्यूटर हार्डवेयर साफ्टवेयर व नेटवर्क इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
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12 वीं कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते हिन्दी की बहुत सारी कवितायें / गजल / गीत लिखे परंतु कभी संजोकर नहीं रखा और वो सभी रचनायें गुम हो गयीं, कुछ हास्य कवितायें स्कूल / कालेज की वाषिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं, तत्पश्चात राघव ने दिल्ली आकर एक छोटे से संस्थान से कम्प्यूटर साफ्ट्वेयर का प्रशिक्षण ले जीविका निर्वाह में जुट गये, नौकरी के साथ-साथ कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग में स्वयं दक्षता हासिल कर वर्तमान में एक निर्यात संस्थान में कम्प्यूटर हार्डवेयर साफ्टवेयर व नेटवर्क इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।