मनुष्य अनभिज्ञता में अपने आपको अपनी सम्पत्ति का वास्तविक स्वामी समझ बैठा है और उस पर अपना एकाधिकार समझने लगा है।
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मनुष्य अनभिज्ञता में अपने आपको अपनी सम्पत्ति का वास्तविक स्वामी समझ बैठा है और उस पर अपना एकाधिकार समझने लगा है।
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एक वास्तविक स्वामी को अधिकार से वंचित करते हुए दूसरे अनाधिकृत व्यक्ति को मालिकाना हक कब्जा मुखालपाना दे दिया जाता है।
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प्रतिकूल कब्जे का तात्पर्य खुला कब्जा है जिसमें अभिव्यक्त या विवक्षित रूप से वास्तविक स्वामी के स्वत्व को नकार दिया जाता है।
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और यहां उच्च न्यायालय के उस मत को त्रुटिपूर्ण माना गया कि वादी को यह नहीं साबित करना है कि वास्तविक स्वामी कौन है।
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केवल यह बात याद रखनी चाहिए कि हम वास्तव में किसी चीज़ के स्वामी नहीं हैं बल्कि वास्तविक स्वामी (ईश्वर) के प्रतिनिधि हैं।
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भारत में संपत्ति का वास्तविक स्वामी ही इस कर को जमा करता है जबकि संयुक्त राजशाही में किराएदार भी यह कर भरने के उत्तरदाई होते हैं।
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जब तक साक्ष्य से यह प्रतिकूल कब्जा वास्तविक स्वामी के विरूद्व एवं खुला हुआ सिद्व न हो जाये तब तक उसे प्रतिकूल कब्जा नहीं माना जायेगा।
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‘ उत्पादन के सभी साधनों को पूंजीपतियों के हाथ से झटकते हुए उन्हें श्रमिकों के अपने हाथों में सौंप दें, जो उनके वास्तविक स्वामी हैं. '
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अधिकांश राजागण अपने को प्राचीनकाल के बडे-बडे प्रसिद्ध राजा-महाराजाओं तथा ' चक्रवर्ती नरेशों ' के वंशज समझकर देश का वास्तविक स्वामी स्वयं को ही मानते थे।