| 21. | जिन्दगी की कहानी शब्दों की जुबांनी.... क्या बात कह डाली... वाह! वाह!
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| 22. | अबयज़......... अबयज़......... अबयज़........... वाह! वाह! वाह! बेहद खूबसूरत! एक वाहियात इंटरप्रेटेशन मेरा भी......
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| 23. | अबयज़......... अबयज़......... अबयज़........... वाह! वाह! वाह! बेहद खूबसूरत! एक वाहियात इंटरप्रेटेशन मेरा भी......
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| 24. | वाह! वाह! वाह! शानदार! बेमिसाल! दुःखी मन को आनंद से भर देने वाली कविता।
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| 25. | वाह! वाह! तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर... वाह! वाह! अब ही...
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| 26. | वाह! वाह! वाह! पव्वा जब इतना ज़ोरदार है तो बोतल तो जाने क्या होगा?
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| 27. | वाह! वाह! वाह! हास्य के साथ व्यंग्य का अति अद्भुत और अति मारक मिश्रण.
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| 28. | मकर यह सुनकर अपनी जांघों पर हाथ मारते हुए कहा-" वाह! वाह! क्या बात है।
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| 29. | ” वह ऊपर की ओर देखते हुए बोला, ‘वाह! काकभुशंडीजी वाह! वाह! काक ऋषिजी, वाह!'
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| 30. | सारे शब्द तो आपने ही संजो लिए हैं, हम लगायेंगे तो बस वाह! वाह! की पत्तियां...
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