लेकिन उपर लिख्त तरीके से विश्लेषण हमें स्थिति के साधारणीकरण क़ी ओर और पूरी स्थिति को ही अध्यात्मिक विचारवाद क़ी गर्त में ले जा कर डूबा देना होगा! द्वंदात्मक भौतिकवाद सिखाता है कि वर्गीय समाज मे सर्वहारा के सता पर काबिज हो जाने के वाद भी वर्ग संघर्ष जारी रहता है!