वह विद्युल्लता को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन विद्युल्लता ने अपनी कटार खींच ली और अपनी छाती में दे मारी और दिव्य लोक को प्रस्थान किया।
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वह विद्युल्लता को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन विद्युल्लता ने अपनी कटार खींच ली और अपनी छाती में दे मारी और दिव्य लोक को प्रस्थान किया।
23.
पास पहुंचकर समरिंसंह ने विद्युल्लता का हाथ पकड़ना चाहा, किंतु वह पीछे हट गयी और डांटकर बोली-`अधम देशद्रोही! मेरे शरीर को स्पर्श कर मुझे अपवित्र मत कर।
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वह विद्युल्लता को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन विद्युल्लता ने अपनी कटार खींच ली और अपनी छाती में दे मारी और दिव्य लोक को प्रस्थान किया।
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वह विद्युल्लता को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन विद्युल्लता ने अपनी कटार खींच ली और अपनी छाती में दे मारी और दिव्य लोक को प्रस्थान किया।
26.
वागदत्ता विद्युल्लता द्वारा अपने होने वाले देशद्रोही पति के स्पर्श से बचने के लिए अपने प्राणों का ही बलिदान दे देना, आज के भोगवादी युग में केवल किवदंती लगता है।
27.
वागदत्ता विद्युल्लता द्वारा अपने होने वाले देशद्रोही पति के स्पर्श से बचने के लिए अपने प्राणों का ही बलिदान दे देना, आज के भोगवादी युग में केवल किवदंती लगता है।
28.
पास पहुंचकर समरिंसंह ने विद्युल्लता का हाथ पकड़ना चाहा, किंतु वह पीछे हट गयी और डांटकर बोली-` अधम देशद्रोही! मेरे शरीर को स्पर्श कर मुझे अपवित्र मत कर।
29.
एक दिन चांदनी रात में समरसिंह विद्युल्लता के घर आया और अकेले में उससे मिलकर बोला` `मुझे लगता है कि अब थोड़े दिनों में ही चित्तौड़ मुगलों के हाथ में चला जायगा।
30.
जब लता विद्युल्लता की-सी त्वरा से राग बसंत वाला टुकड़ा गाती हैं, तो लगता है अनवरत मधुऋतु है और दुनिया फूलों के गलीचे पर बहार की तरह करवट बदल रही है.