श्रीवल्लभाचार्य का आदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सम्पूर्ण शक्ति से स्वधर्म का पालन करें, चाहे कैसा ही भय या प्रालोभन क्यों न हो, विधर्म से बचना चाहिए।
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गहरा कटाक्ष सुभाष नीरव जी की लघुकथा कबाड़ भीतर तक दहला जाती है तो दूसरी ओर धर्म-विधर्म में जीवन के दोहरे मानदण्डों पर गहरा कटाक्ष किया गया है ।
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श्रीवल्लभाचार्य का आदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी सम्पूर्ण शक्ति से स्वधर्म का पालन करें, चाहे कैसा ही भय या प्रालोभन क्यों न हो, विधर्म से बचना चाहिए।
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लेकिन उनमें से ज्यादातर (ओस्त्रोगोथ्स, विसिगोथ्स, बुर्गुन्दिंस, और वन्दल्स) इसे अरियासवाद के रूप में अपना चुकी थी-एक ऐसी शिक्षण जो कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा विधर्म घोषित किया गया था.
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लेकिन उनमें से ज्यादातर (ओस्त्रोगोथ्स, विसिगोथ्स, बुर्गुन्दिंस, और वन्दल्स) इसे अरियासवाद के रूप में अपना चुकी थी-एक ऐसी शिक्षण जो कैथोलिक गिरजाघर के द्वारा विधर्म घोषित किया गया था.
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ये हैं सच बोलना, अपने भाइयों की मदद करना, पुराने रीति-रिवाज़ों को छोड़ना, विधर्म से दूर रहना, एक ईश्वर में विश्वास करना, और ईश्वर की इच्छा के आगे आत्मसमर्पण करना.
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उन्होंने विरोधस्वरूप गिरजाघर के बाहर अपने घुटनों पर प्रार्थना करते हुए 12 घंटे बिताए, क्योंकि उनके अनुसार एक ऐसी पुस्तक के लिए फ़िल्मांकन करना जिसमें विधर्म है, एक पवित्र स्थान का ईशनिंदक प्रयोग है.
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उन्होंने विरोधस्वरूप गिरजाघर के बाहर अपने घुटनों पर प्रार्थना करते हुए 12 घंटे बिताए, क्योंकि उनके अनुसार एक ऐसी पुस्तक के लिए फ़िल्मांकन करना जिसमें विधर्म है, एक पवित्र स्थान का ईशनिंदक प्रयोग है.
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पौलुस के अनुसार शरीर के कामों में झगड़ा, क्रोध, विरोध, फूट और विधर्म गिने जाते हैं परन् तु मेल, धीरज, कृपा, भलाई और नम्रता आत् मा के काम हैं।
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धर्म विधर्म ' हमारी उस मानसिकता पर चोट करती है जिसमें हमें जब लाभ की आशा होती है तब हम ऐसे कार्य को भी करने के लिए तत्पर हो जाते हैं जिसकी हम कड़ी आलोचना करते हों।