(4) खंड (3) के उपखंड (क), उपखंड (ख) और उपखंड (ग) के अधीन निर्वाचित होने वाले सदस्य ऐसे प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में चुने जायेंगे, जो संसद द्वारा बनाई गई विधि द्वारा या उसके अधीन विहित किये जाएं तथा उक्त उपखंडों के और उक्त खंड के उपखंड (घ) के अधीन निर्वाचन आनुपातिक प्रातिनिधत्व पध्दति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होंगे ।
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(4) जिन बातों में किसी विधि द्वारा या उसके अधीन उप-राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह अपने विवेकानुसार कार्य करे उन बातों को छोड़कर, उप-राज्यपाल की, उन विषयों के संबंध में, जिनकी बाबत विधान सभा को विधि बनाने की शक्ति है, अपने कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद होगी जो विधान सभा की कुल सदस्य संख्या के दस प्रतिशत से अधिक सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा:
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(4) जिन बातों में किसी विधि द्वारा या उसके अधीन उप-राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह अपने विवेकानुसार कार्य करे उन बातों को छोड़कर, उप-राज्यपाल की, उन विषयों के संबंध में, जिनकी बाबत विधान सभा को विधि बनाने की शक्ति है, अपने कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद होगी जो विधान सभा की कुल सदस्य संख् या के दस प्रतिशत से अधिक सदस्यों से मिलकर बनेगी, जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा: