सीमा के पास स्थित विनिमय केन्द्रों पर यह लूटखसोट ज्यादा होती है क्योंकि पर्यटक देश में प्रवेश करते ही उस देश की मुद्रा लेना चाहता है इसलिए इन केन्द्रों पर भीड़ भी अधिक होती है और पर्यटक भी अनजान होता है, यदि किसी पर्यटक को मुद्रा के मूल्य की जानकारी भी हो तो वह लाचार होता है क्योंकि वह तो यही समझता है कि इस देशमें विनिमय की दर यही होगी जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता।