उत्तर की ओर अल्यूशैन द्वीप का वृत्तखंड है, जो साइबेरिया के समीपवर्ती भागों से होता हुआ बेरिंग सागर तक चला गया है।
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उत्तर की ओर अल्यूशैन द्वीप का वृत्तखंड है, जो साइबेरिया के समीपवर्ती भागों से होता हुआ बेरिंग सागर तक चला गया है।
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के लिए श्रेणी प्रसार के अनेक प्रारूप प्रस्तुत करती है, साथ ही साथ त्रिज्या और वृत्तखंड की लम्बाई के कुछ गुणनफल भी, जिसके अधिकांश संस्करण युक्तिभाषा में भी दिखायी पड़ते हैं.
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इसी प्रकार एक ही बनावट, वातावरण, देशकाल, आचार-विचार एवं रहन-सहन के साम्यता आदि को देखते हुए समूचे ग्रहगोल या पिंड को जिसमें धरती भी शामिल है, कुछ भागो में बांटा गया है जिसे वृत्तखंड या राशियाँ कहते है.
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माधव ने वृत्तखंड की लम्बाई की अन्य श्रेणियों और इससे सम्बंधित π की परिमेय भिन्न संख्याओं के निकटतम मान पर भी अनुसन्धान किया, उन्होंने बहुपद प्रसार के तरीके खोजे, अनंत श्रेणी के लिए अभिसारिता परीक्षण खोजा और अनंत सतत भिन्न संख्याओं का विश्लेषण किया.
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युक्ति-दीपिका (जिसे तंत्रसंग्रह व्याख्या भी कहते हैं), संभवतः ज्येष्ठदेव के शिष्य, संकर वरियार द्वारा रचित है, यह sin θ, cos θ, और arctan θ के लिए श्रेणी प्रसार के अनेक प्रारूप प्रस्तुत करती है, साथ ही साथ त्रिज्या और वृत्तखंड की लम्बाई के कुछ गुणनफल भी, जिसके अधिकांश संस्करण युक्तिभाषा में भी दिखायी पड़ते हैं.