वृष राशि का जीवन वृत्त बहुत ही सन्तुलित एकाग्र और अपने काम से काम रखने तक सीमित रहता है।
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वृष राशि का स्वामी शुक्र है और शुक्र ही इस राशि वालो को कर्जा दुश्मनी बीमारी मे ले जाने वाला है।
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फरवरी का भविष्य वृष राशि का स्वामी शुक्र आयु के घर यानी अष्टम स्थान में राहु को भी साथ लिए हुए है।
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फरवरी का भविष्य वृष राशि का स्वामी शुक्र आयु के घर यानी अष्टम स्थान में राहु को भी साथ लिए हुए है।
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वृष वृष राशि का स्वामी शुक्र है तथा शुक्र और सूर्य में मैत्री न होने के कारण सूर्य यहां असहज रहता है।
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वृष राशि का समबन्ध अगर मिथुन राशि वाले से होता है तो परिणाम में मेष राशि वाले जैसा ही प्रभाव सामने आता है.
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वृष राशि का स्वामी शुक्र है तथा चंद्रमा व शुक्र का निकट का संबंध है इसलिए यहां चंद्रमा की गतिविधि में हम विशेष उत्साह के दर्शन करते हैं।
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मेष या वृष राशि का लग्न हो, दशम भाव में शनि स्थित हो या दशम व लग्न भाव पर शनि की दृष्टि हो तो जातक हृदय रोग से पीड़ित होता है।
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द्वितीय भाव वृष राशि का सूर्य अपनी पूर्ण दृष्टि से आयु, मृत्यु तथा पुरातत्व के अष्टम भाव को अपने मित्र मंगल की वृश्चिक राशि में देख रहा है अत: व्यक्ति दीर्घायु होगा।
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इस नाम का पहला अक्षर व से शुरु होता है यह अक्षर वैसे तो वृष राशि का है, साथ ही यह योग रूप मे भी अजान चक्र को बताने वाला है.