उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं-तुकांत कविता अतुकांत आधुनिक कविता हास्य कविता गीत-नवगीत ग़ज़ल हाइकू व्यंग्य काव्य मुक्तक शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)
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चुनाव में धनबल और बहुबल का औचित्य ajaypandey641@gmail. com submitted on blog contest 2012 इस विषय पर में विस्तार से न कहते हुए एक व्यंग्य काव्य के रूप में अपने विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ जय मतदान जय घमासान धनबल और बहुबल से बनो महँ सत्य अहिंसा का मिटे नामोनिशान तभी बनेगा देश महान अजय पाण्डेय क ४ / ५ ६ गली नंबर २ ७ वेस्ट घोंडा गंगोत्री विहार डेल्ही ११ ०० ५ ३
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जिसमें हम्मीर महाकाव्य (माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 10 वीं की अनिवार्य हिंदी पाठ्यक्रम में पढाया जाता है), सेर को सवा सेर मिल गया (बाल कथा संग्रह), एक और देवयानी (कहानी संग्रह), सोरठां री सौरभ (नीतिपरक संबोधन काव्य), कह ताऊ कविराय (राजस्थानी हास्य व्यंग्य काव्य) साळाहेली (व्यंग्य काव्य), सुण ळे ताई बावळी ((व्यंग्य काव्य) हेली सतक सवाई (आत्मबोध परक संबोधन गीत, इस गीत संग्रह में 135 गीत हेली संबोधन से हैं) मुझे भेंट किए।
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जिसमें हम्मीर महाकाव्य (माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 10 वीं की अनिवार्य हिंदी पाठ्यक्रम में पढाया जाता है), सेर को सवा सेर मिल गया (बाल कथा संग्रह), एक और देवयानी (कहानी संग्रह), सोरठां री सौरभ (नीतिपरक संबोधन काव्य), कह ताऊ कविराय (राजस्थानी हास्य व्यंग्य काव्य) साळाहेली (व्यंग्य काव्य), सुण ळे ताई बावळी ((व्यंग्य काव्य) हेली सतक सवाई (आत्मबोध परक संबोधन गीत, इस गीत संग्रह में 135 गीत हेली संबोधन से हैं) मुझे भेंट किए।
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जिसमें हम्मीर महाकाव्य (माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 10 वीं की अनिवार्य हिंदी पाठ्यक्रम में पढाया जाता है), सेर को सवा सेर मिल गया (बाल कथा संग्रह), एक और देवयानी (कहानी संग्रह), सोरठां री सौरभ (नीतिपरक संबोधन काव्य), कह ताऊ कविराय (राजस्थानी हास्य व्यंग्य काव्य) साळाहेली (व्यंग्य काव्य), सुण ळे ताई बावळी ((व्यंग्य काव्य) हेली सतक सवाई (आत्मबोध परक संबोधन गीत, इस गीत संग्रह में 135 गीत हेली संबोधन से हैं) मुझे भेंट किए।