शब्दों के समुचित प्रयोग, उपमाओं की विविधता, भाषा की चित्रात्मकता, अनायास अभिव्यक्ति और प्रभावपूर्ण शब्दयोजना तथा अभिव्यक्ति की मौलिकता आदि ऐसी उल्लेखनीय विशेषताएं हैं, जो दिनकर के काव्य की, असाधारण लोकप्रियता का मुख्य कारण है।
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विद्वानों ने यह लक्षित किया है कि मृदु और ललित शब्दयोजना, गूढ़शब्दार्थहीनता और जनपद सुखबोध्यता वास्तव में काव्यभाषा के लक्षण हैं लेकिन प्रेमचंद ने अपने साहित्य को व्यापक जनता से जोड़ने के लिए जनपद की भाषा को अपनाया.