रात को मैं अकेली रहती थी, आता भी था तो कोई आशिक ही! इसलिए पेंटी और ढीली शमीज़ पहनी हुई थी।
22.
उसकी दोनों चूचियों को उसकी शमीज़ के बटन खोल बाहर क्या तू अनार सी कड़ी कड़ी नंगी चूचियों को देख तड़प उठा.
23.
मैंने फिर कविता के टॉप की जीप आगे से खोल दी और उसकी शमीज़ और ब्रा के ऊपर से उसके दूध मुंह में लेकर चूमने लगा।
24.
उसने मेरे लंड को पकड़कर कहा तऊ तऊ मैं उसकी शमीज़ से बाहर झाँक रही चूचियों को पकड़ दबाते बोला, “ अभी ससुर से मज़ा लो न. ”
25.
ओह माइ गॉड, कविता नें अपनी लॉन्ग स्कर्ट और अपना टॉप उतार दिया था और उसने एक झीना सा शमीज़ पहना हुआ था जिसे लड़कियां अंदर से पहनती हैं।
26.
जिस समय की हम बात कर रहे हैं उन दिनों यद्यपि आधुनिक समाज में स्त्रियों में शमीज़ या ऊपर के वस्त्र पहनेन का चलन शुरू हो गया था तथापि शालीन गृहिणियाँ इसे निराख्रिस्तानीपन कहकर इसकी अवज्ञा करती थीं।
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जिस समय की हम बात कर रहे हैं उन दिनों यद्यपि आधुनिक समाज में स्त्रियों में शमीज़ या ऊपर के वस्त्र पहनेन का चलन शुरू हो गया था तथापि शालीन गृहिणियाँ इसे निराख्रिस्तानीपन कहकर इसकी अवज्ञा करती थीं।
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जिस समय की हम बात कर रहे हैं उन दिनों यद्यपि आधुनिक समाज में स्त्रियों में शमीज़ या ऊपर के वस्त्र पहनेन का चलन शुरू हो गया था तथापि शालीन गृहिणियाँ इसे निराख्रिस्तानीपन कहकर इसकी अवज्ञा करती थीं।
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उन्हें छुपाने की कोशिश में कसी हुई शमीज पहनने से लेकर स्कर्ट या मिडी में टक-इन की हुई शर्ट को ढीला रखते हुए उसके नीचे पहनी शमीज़ को खींच-खींच कर रखने जैसे न जाने कितने उपाय किए लेकिन उनका आकार नहीं घटा, बल्कि बढ़ता ही गया।...
30.
छप-छप नंगे पैर जाने धुंधलके में कहां से प्रकट हुई, दौड़ती आई, पैरों में चप्पल नहीं, इतनी बड़ी हो गई अभी तक फ्रॉक पहने थी, वह भी जानो कब का फटा हुआ, और अंदर शमीज़ तक नहीं कि जो नहीं दिखना चाहिए सबके आगे छाती से चिपकाये, उसका बैंड बजाती!