यह केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि गैर मुसलमीन को शरण देने के लिए भी होती रही हैं जैसे मस्जिद पेरिस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों के लिए शरण स्थान रहा है।
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11. हे शापीर की रहने वाली नंगी हो कर निर्लज चली जा; सानान की रहने वाली नहीं निकल सकती; बेतसेल के रोने पीटने के कारण उसका शरण स्थान तुम से ले लिया जाएगा।