हज़रत अली (अ) उस शख्सीयत का नाम है जो शबे हिजरत पैग़म्बरे अकरम (स) के बिस्तर पर सोए और उनकी शान में यह आयते शरीफ़ा नाज़िल हुई:
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तमाम मुफ़स्सेरीन ने यह रिवायत की है कि यह आयते शरीफ़ा हज़रत अली (अ) की शान में उस वक़्त नाज़िल हुई जब आप बिस्तरे रसूल (स) पर लेटे हुए थे।
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हाँ, एक बात मध्यप्रदेश और राजस्थान में हम लोग जिसे सीताफल कहते हैं, यू.पी.वाले उसे कद्दू समझते है,यहाँ सीताफल को शरीफ़ा कहा जाता है(मैं भी खूब बेवकूफ़ बनी हूँ इस चक्कर में).
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पुदुकोट्टी के पास ही पेरांबूर गाँव में मुसलमान महिलाओं के एक समूह की संयोजक शरीफ़ा का कहना है कि मस्जिद में ही महिलाओं की समस्या का हल करने के लिए एक अदालत जैसी व्यवस्था भी होगी.
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उनका नाम तो मुझे ठीक से याद आ रहा था लेकिन मैंने फ़िर भी वहाँ कार्य करने वाले एक कर्मी से पता करना ही बेहतर समझा कि यह शरीफ़ा का ही पेड़ है या किसी अन्य प्रजाति का।
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<4> इमाम की इस्मत पर कुरआने करीम की आयतें भी दलालत करती हैं जिन में सूरह ए बकरा की 124 वीं आयत है, इस आयते शरीफ़ा में बयान हुआ है कि जब ख़ुदा वन्दे आलम ने जनाबे इब्राहीम (अ।
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ये आयते शरीफ़ा यहूदियों (दुर्रुल मंशूर हिस्सा आव्वल पेज 90) के सवालात के जवाब में नाज़िल हुयी है जो पैग़म्बरे अकरम (स) से पूछ रहे थे इस क़ुरआन को कौन तुम पर नाज़िल करता है?
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इमाम की इस्मत पर कुरआने करीम की आयतें भी दलालत करती हैं जिन में सूरह ए बकरा की 124 वीं आयत है, इस आयते शरीफ़ा में बयान हुआ है कि जब ख़ुदा वन्दे आलम ने जनाबे इब्राहीम (अ।
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हाँ, एक बात मध्यप्रदेश और राजस्थान में हम लोग जिसे सीताफल कहते हैं, यू. पी. वाले उसे कद्दू समझते है, यहाँ सीताफल को शरीफ़ा कहा जाता है (मैं भी खूब बेवकूफ़ बनी हूँ इस चक्कर में).
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जंगलों और हरियाली की बातें सुन कर मन प्रसन्न हो उठता है. हाँ,एक बात मध्यप्रदेश और राजस्थान में हम लोग जिसे सीताफल कहते हैं, यू.पी.वाले उसे कद्दू समझते है,यहाँ सीताफल को शरीफ़ा कहा जाता है(मैं भी खूब बेवकूफ़ बनी हूँ इस चक्कर में).