[15] क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में लड़कियों की शारीरिक सजा को 1934 में प्रतिबंधित किया गया, लेकिन लड़कों के लिए निजी स्कूलों में 2010 तक भी यह वैध है.
22.
यूनिसेफ के अनुसार, “किसी भी तरीके की हिंसा, दर्ुव्यवहार या शारीरिक सजा बच्चों के अधिकारों का हनन है और इस तरह के व्यवहार से मुक्ति बच्चों का अधिकार है।
23.
मुझे कोई शारीरिक सजा नहीं मिली, किसी दैहिक पीड़ा का अहसास कभी नहीं हुआ, लेकिन एक चरम मानसिक यंत्राणा को भोंगते रहने को, एक स्थायी आतंक को झेलते रहने को मैं बाध्य थी।” (१७६)
24.
अगर हम उस समय गुरुजी को बताकर हेलिकॉप्टर देखने जाते तो ना तो हमें शारीरिक सजा मिलती और ना ही मुझे चार साल तक अपने प्रिय दोस्त की नाराजगी भुगतनी पङती, पर हमने ना बताकर गलती की।
25.
स्कूल में शारीरिक सजा संयुक्त राज्य आमेरिका के 20 राज्यों सहित विश्व के कई भागों में अब भी बैध है, लेकिन कनाडा, केन्या, जापान, दक्षिण अफ्रिका, न्यूजीलैंड और चेक गणतंत्र[3] और फ्रांस को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप सहित अन्य जगहों में यह प्रतिबंधित है.
26.
स्कूल में शारीरिक सजा संयुक्त राज्य आमेरिका के 20 राज्यों सहित विश्व के कई भागों में अब भी बैध है, लेकिन कनाडा, केन्या, जापान, दक्षिण अफ्रिका, न्यूजीलैंड और चेक गणतंत्र और फ्रांस को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप सहित अन्य जगहों में यह प्रतिबंधित है.