कुछ दिनों दिल्ली में रहकर वे बंबई आ गये जहाँ पर व उर्दू पत्रिका शाहराह और प्रीतलड़ी के सम्पादक बने।
22.
साम्यवादी विचारों से प्रेरित साहिर लुधियानवी नें अनेको उर्दू पत्रिकाओं का संपादन किया जिनमें अदब-ए-लतीफ़, शाहकार, शाहराह आदि प्रमुख हैं।
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कुछ दिनों दिल्ली में रहकर वे बंबई (वर्तमान मुंबई) आ गये जहाँ पर व उर्दू पत्रिका शाहराह और प्रीतलड़ी के सम्पादक बने।
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कुछ दिनों दिल्ली में रहकर वे बंबई (वर्तमान मुंबई) आ गये जहाँ पर व उर्दू पत्रिका शाहराह और प्रीतलड़ी के सम्पादक बने।
25.
आपने उर्दू में ' शाहराह ', ' बीसवीं सदी ' और ' मुशाहिदा ' नाम की पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
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साम्यवादी विचारों से प्रेरित साहिर लुधियानवी नें अनेको उर्दू पत्रिकाओं का संपादन किया जिनमें अदब-ए-लतीफ़, शाहकार, शाहराह आदि प्रमुख हैं।
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‘ शाहराह ' में पहली बार साहिर ने चिल्ली के शायर पाब्लो नरूदा पर लंबा लेख लिखा और उसकी नज़्मों का तर्जुमा प्रकाशित किया।
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शाहराह कराकरम के साथ साथ अब तक तक़रीबन 20000 से ज़ायद ऐसी चट्टानें और मुक़ामात दरयाफ़त हुऐ हैं जो क़दीम तहज़ीबी एहमीयत की हामिल हैं।
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शाहराह कराकरम के साथ साथ अब तक तक़रीबन 20000 से ज़ायद ऐसी चट्टानें और मुक़ामात दरयाफ़त हुऐ हैं जो क़दीम तहज़ीबी एहमीयत की हामिल हैं।
30.
काशगर शाहराह कराकोरम ओर दर्रा-ए-ख़न्जराब के ज़रिए पाकिस्तान के दारुलहकूमत इस्लामाबाद से मुनसलिक है और दर्राह तौरगुरत और अरक्षतिअम से करगज़स्तान से मिला हुआ है।