गृहस्थी में रहते हुए भी शुद्ध अंतःकरण के लिए भगवन्नाम का जप तो करना चाहिए, प्रतिदिन अपंग, बीमार और दरिद्र की सेवा भी करनी चाहिए।
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योग के द्वारा संसिद्धि को प्राप्त (शुद्ध अंतःकरण वाला) मनुष्य उस ज्ञान को अपने आप ही यथा समय अपनी आत्मा में पा लेता है।
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उन्होंने शपथ ली थी कि वे भारत की एकता और अखंडता को अक्षुण रखेंगे और अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करेंगे.
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हे अनन्त! आपके सगुण-िनगर्ुण दोनों स्वरूपों का ज्ञान किठन होने पर भी िनगर्ुण स्वरूप की मिहमा इिन्दर्यों का पर्त्याहार करके शुद्ध अंतःकरण से जानी जा सकती है।
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उन्होंने देश के सामने शपथ ली थी कि वह अपने मंत्री पद के दायित्वों का शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करेंगे मगर क्या उन्होंने खेल मंत्री पद की ज़िम्मेदारी पूरी तरह निभाई.
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उन्होंने देश के सामने शपथ ली थी कि वह अपने मंत्री पद के दायित्वों का शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करेंगे मगर क्या उन्होंने खेल मंत्री पद की ज़िम्मेदारी पूरी तरह निभा ई.
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इसकी वजह से उपजी ग्लानि और क्षोभ को धोने का एकमात्र उपाय यही बचता है कि शुद्ध अंतःकरण से हम अपनी भूलचूक को स्वीकार कर लें और सबके प्रति विनम्रता का भाव जगाएँ।
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ऐसा भी कहा जाता है कि चित्तौड़गढ़ दुर्ग के राणा भवानी सिंह के सुपुत्र चंद्रसिंह ने मां की अनन्य भक्ति की और शुद्ध अंतःकरण की प्रार्थना से प्रसन्न होकर उनके साथ मां कालिका (दुर्गा) आंतरी गांव को पधारीं।
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लेकिन साथ ही यह भी कहा है-मनीषी नस्तु भवन्ति, पानानि न भवन्ति, अर्थात्-मनीषी तो कई होते हैं, बड़े-बड़े बुद्धिमान होना अलग बात है एवं पवित्र शुद्ध अंतःकरण रखते हुए सही है।
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तुम परम तेजोमयी अवतरित होती हो, शुद्ध अंतःकरण में बुद्धि रूप से, परा विद्या मेधा शक्ति बन, जिससे सारे शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त होता है, सबकी आदिभूत अव्यकृता परा प्रकृति बन कारण स्वरूपा, महाव्याप्ति.