सातवें स्थान में राहु या केतु कोई नहीं बैठा है तथा सातवें स्थान का स्वामी सूर्य से अस्त नहीं है या शून्य अंश नहीं है या छठे, आठवें, या बारहवें घर का स्वामी सातवें स्थान में नहीं बैठा है या किसी भी ग्रह की सातवें स्थान पर नीच दृष्टि नहीं है तो ऐसी स्थिति में लड़के व लड़की की कुंडलियों में 36 में से एक भी गुण न मिले, तो भी वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।