अपने चरम प्रभाव में तीनों ही विधाओं की श्रेश्ठ रचनाएं अंततः भावक को ब्रह्मानन्द-दषा में ही तो पहुंचाती हैं! तीनों कलाएं आपस में कभी अनबोला नहीं पनपने देतीं...
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विष्व हिन्दू परिशद का गठन देष के श्रेश्ठ संतों के चिन्तन का प्रकटीकरण है इसलिए देष धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संगठन संतो ंके मार्गदर्षन में सदैव तत्पर है।
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उन्होंने कहा कि गंगा ने हमारी संस्कृति का निर्माण किया है, वह श्रेश्ठ है लेकिन नर्मदा गंगा से ज्येष्ठ है और देश की अकेली ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है।
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हमारे सभी जन अभियानों में हमें न केवल यू. पी. ए. सरकार की विफलताओं को ही उजागर करना चाहिए बल्कि शासन के हमारे श्रेश्ठ एजेंडा का भी उल्लेख करना चाहिए।
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इसलिए भारतीय श्रेश्ठ जन, सत्तालोलुपु सत्तांधों व दलीय जंजाल में जकड़ने के बजाय भारतीय संस्कृति के सनातन मूल्यों यानी केवल सत् के लिए जीवन समर्पित करने की सीख देती है, ।
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जन्म से अपने आप को श्रेश्ठ व दूसरों को हेय मानने वाली यह प्रवृति को जब तक प्रखर विरोध करके जड़ से समाप्त नहीं किया जायेगा तब तक यह समाज सही अर्थो में आगे बढ़ ही नहीं सकता।
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सुश्री अनीता सहगल को इसके पूर्व पूर्व राज्यपाल श्री विश्णु कान्त शास्त्री द्वारा श्रेश्ठ चित्रकार के सम्मान के साथ-साथ बहुमुखी प्रतिभा का सम्मान, श्रेश्ठ मंच संचालिका का सम्मान, कला िशरोमणि का सम्मान सहित अनेकों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
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सुश्री अनीता सहगल को इसके पूर्व पूर्व राज्यपाल श्री विश्णु कान्त शास्त्री द्वारा श्रेश्ठ चित्रकार के सम्मान के साथ-साथ बहुमुखी प्रतिभा का सम्मान, श्रेश्ठ मंच संचालिका का सम्मान, कला िशरोमणि का सम्मान सहित अनेकों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
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एक स्वाद है त्रिदिव लोक मॅ, एक स्वाद वसुधा पर, कौन श्रेश्ठ है, कौन हीन, यह कहना बडा कठिन है, जो कामना खींच कर नर को सुरपुर ले जाती है, वही खींच लाती है मिट्टी पर अम्बर वालॉ को.
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प्रबुद्ध बनें, विवेकषील बनें, संयमी बनें, सषक्त बनें, स्वस्थ बने, सत्यनिश्ठ बनें, धर्मषील बनें, कर्मषील बनें, श्रेश्ठ बनें, सदाचारी बनें, परोपकारी बनें, न अन्याय अत्याचार करें न ही सहें।