फिर हाथों को खोल कर नीचे जमीन पर लाएं और सांस भरते हुए पैरों को भी नीचे की ओर लाकर श्वासन में आराम करें।
22.
वापस आने के लिए श्वास छोड़ें, पैर के अंगूठे छोड़ें, गर्दन सीधी करें, पद्मासन को खोलें एवं श्वासन में विश्रम करें।
23.
फिर हाथों को खोल कर नीचे जमीन पर लाएं और सांस भरते हुए पैरों को भी नीचे की ओर लाकर श्वासन में आराम करें।
24.
प्रत्येक चरण में लंबी, मध्यम, और निम्न श्वासन क्रिया (सांस अंदर बाहर) अलग-अलग लय और तीव्रताओं के कराई जाती है ।
25.
उन्होंने जब इसका पता लगाया तो देखा और पाया कि यहां के लोग प्रतिदिन लम्बी श्वासन (सांस) क्रिया का एक व्यायाम करते हैं।
26.
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए 2 सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, शशांकासन, पादपश्चिमोत्तानासन एवं अंत में श्वासन नियमित रूप से करने जैसे हैं।
27.
इस क्रिया में 1 चक्र पूरा होने पर श्वासन क्रिया सामान्य कर लें और आराम के बाद पुन: इस क्रिया को दोहराते हुए 11 बार करें।
28.
इनमें ताड़ासन, चक्रासन, वज्रासन, पद्मासन, भुजंगासन, नाड़ीशोधन, मृत्यु संवीजनी मुद्रा, हृदय स्तभ्मन की क्रिया, अपान मुद्रा, श्वासन आदि प्रमुख हैं।
29.
3. किसी भी सहज स्थिति में बैठना, श्वासन में लेटना या किसी योग आसन का चुनाव करना जिसमें आप ज्यादा सुविधा महसूस करें तथा मेरूदंड सीधा रहे।
30.
योगासन से शरीर के मुख्य अंग स्वस्थ होते हैं, जैसे-पाचनतंत्र, स्नायुतंत्र, श्वासन तंत्र, रक्त को विभिन्न अंगो में पहुंचाने वाली तंत्र आदि प्रभावित होते हैं।