बाज़ार की ज़रूरतों तथा संचार माध्यमों के दबाव के परिणामस्वरूप जन्मी यह संकर भाषा, भाषाओं के सुदीर्घ सहसंबंध का वैध प्रतिफलन न होकर घालमेल की अराजकता का अज़ब नमूना है.
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बाज़ार की ज़रूरतों तथा संचार माध्यमों के दबाव के परिणामस्वरूप जन्मी यह संकर भाषा, भाषाओं के सुदीर्घ सहसंबंध का वैध प्रतिफलन न होकर घालमेल की अराजकता का अज़ब नमूना है.
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इससे भी दुखद तथ्य यह है कि यह संकर भाषा, अंग्रेज़ी न जानने वाले ऐसे विशाल उपभोक्ता वर्ग को जिसके भाषिक संस्कार भ्रष्ट हो चुके हैं, आत्मतुष्टि का छायाभास देने लगी है.
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इससे भी दुखद तथ्य यह है कि यह संकर भाषा, अंग्रेज़ी न जानने वाले ऐसे विशाल उपभोक्ता वर्ग को जिसके भाषिक संस्कार भ्रष्ट हो चुके हैं, आत्मतुष्टि का छायाभास देने लगी है.
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उदाहरण के लिए कुमाउनी और गढ़वाली बोली हैं या भाषा, इन भाषाओं के मानक स्वरूप को निर्धारित करने के लिए विद्वानों की समिति के गठन की आवश्यकता या इन दोनों भाषाओं के समागम से एक संकर भाषा ' गढ़ कुमैयाँ ' का विकास।
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बदसूरत ', कि यह अजीब संकर भाषा में अंग्रेजी और स्पेनिश में शब्दों की एक बहुत हैं, तो मुझे समझ और चीनी में फिल्मों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं कि मुझे पता है अगर वे चीनी या केनटोनीज रहे हैं कभी नहीं किया है.
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भाषा की उदार ग्रहणशीलता और अबाध आदान-प्रदान की वकालत करते हुए जो इस संकर भाषा के पक्षपोषण में लगे हुए हैं, वे यह तथ्य छिपाते हैं कि अंग्रेज़ी शब्द जनबोलियों तथा उर्दू (अरबी-फ़ारसी) के रचे-पचे शब्दों को धकेल कर ही अपनी जगह बना रहे हैं.
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भाषा की उदार ग्रहणशीलता और अबाध आदान-प्रदान की वकालत करते हुए जो इस संकर भाषा के पक्षपोषण में लगे हुए हैं, वे यह तथ्य छिपाते हैं कि अंग्रेज़ी शब्द जनबोलियों तथा उर्दू (अरबी-फ़ारसी) के रचे-पचे शब्दों को धकेल कर ही अपनी जगह बना रहे हैं.
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आज के काल की हमारी सरकारें, बड़े-छोटे घरानों के प्रचार-प्रसार माध्यम, अखबार और शिक्षण संस्थाओं को देश बच्चों, नौजवानों, नागरिकों एवं पाठकों के साथ देश की खालिस जबान में बात करना कठिन और भारतीय भाष्ाा तथा अंग्रेजी भाषा के समिश्रण से बनी संकर भाषा में संवाद करना सरल सहज लगता है।