| 21. | आचार्य चरक और सुश्रुत दोनों ने ही बेल को उत्तम संग्राही बताया है।
|
| 22. | आचार्य चरक और सुश्रुत दोनों ने ही बेल को उत्तम संग्राही बताया है।
|
| 23. | अत: उनकी शक्ति को पर्याप्त प्रवर्धित कर सकने की क्षमता संग्राही में होनी चाहिए।
|
| 24. | उत्सर्गी नलिका का अधर भाग तथा बहिर्गमन प्रणाली दोनों बड़ी होकर संग्राही मूत्राशय (
|
| 25. | अत: उनकी शक्ति को पर्याप्त प्रवर्धित कर सकने की क्षमता संग्राही में होनी चाहिए।
|
| 26. | इसलिए संग्राही में प्रविष्ट होने के पश्चात् इन्हें श्रव्यावृत्तियों में परिणत करना आवश्यक होता है।
|
| 27. | पुराने ढंग के ऐसे संग्राही में ऐसे प्रत्येक परिपथ के साथ एक पृथक् समस्वरक (
|
| 28. | इसलिए संग्राही में प्रविष्ट होने के पश्चात् इन्हें श्रव्यावृत्तियों में परिणत करना आवश्यक होता है।
|
| 29. | इसके अतिरिक्त यह संग्राही, दाह को दूर करने वाला, वातकारक होता है ।
|
| 30. | इसे समस्वरित रेडियो आवृत्ति संग्राही (Tuned Radio-Frequency, या T. R. F., Receiver) भी कहते हैं।
|