| 21. | ष के संस्कृत उच्चारण को भाषाविज्ञान के नज़रिए से “ अघोष मूर्धन्य संघर्षी ” वर्ण कहा जाता है।
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| 22. | इनमें शामिल हैं ग्रसनी और बलाघाती व्यंजन, सघोष और अघोष विराम, अघोष संघर्षी और सघोष और अघोष स्पर्श-संघर्षी.
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| 23. | इनमें शामिल हैं ग्रसनी और बलाघाती व्यंजन, सघोष और अघोष विराम, अघोष संघर्षी और सघोष और अघोष स्पर्श-संघर्षी.
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| 24. | स्त्री के इस संघर्षी व्यक्तित्व की तलाश स्वयं आज की कविता के व्यक्तित्व का भी एक आयाम है।
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| 25. | ग़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से घोष कण्ठ्य संघर्षी वर्ण कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे वाएस्ड वेलर फ़्रिकेटिव कहते हैं)।
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| 26. | ख़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से अघोष कण्ठ्य संघर्षी वर्ण कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे वाएस्लेस वेलर फ़्रिकेटिव कहते हैं)।
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| 27. | ' थ' को भाषाविज्ञान के नज़रिए से 'अघोष दन्त्य संघर्षी वर्ण' कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे वाएस्लेस डेंटल फ़्रिकेटिव कहते हैं)।
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| 28. | ' थ' को भाषाविज्ञान के नज़रिए से 'अघोष दन्त्य संघर्षी वर्ण' कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे वाएस्लेस डेंटल फ़्रिकेटिव कहते हैं)।
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| 29. | ख़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से अघोष कण्ठ्य संघर्षी वर्ण कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे वाएस्लेस वेलर फ़्रिकेटिव कहते हैं)।
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| 30. | 1992 में, संघर्षी योजना जनता के आगे लीक (रहस्योद्घाटित) हो गयी, इसके परिणामस्वरुप संघर्षी योजना को 1993 में समाप्त कर दिया गया.
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