लिनीयस ने सन् 1735 में कीट (इनसेक्ट=इनसेक्टम्=कटे हुए) वर्ग में वे सब प्राणी सम्मिलित किए थे जो अब संधिपाद समुदाय के अंतर्गत रखे गए हैं।
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संधिपादों द्वारा प्रसारित विषाणुओं की प्रयोगशाला एर्बोवाइरसेस लेबोरेटरी जेइ डेंगू डब्लूएन और चिकनगुनिया की तरह संधिपाद प्राणीजन्य संक्रमणों के सीरमीय सीरोलॉजिकल निदान प्रदान करती है।
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संधिपाद प्राणियों की तरह, झींगा मछलियों में सिफैलोपोड घोंघों का तंत्रिका तंत्र विकसित नहीं होता है, ना ही इन्हें अच्छी नेत्र दृष्टि का फ़ायदा मिला होता है.
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में संधिपाद प्राणियों के हैं, [64] जो शायद भूमि पर स्थित वनस्पतियों के द्वारा प्रदत्त विशाल खाद्य-स्रोतों के कारण बेहतर ढंग से अनुकूलित बन गये और विकसित हुए.
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इस वर्ग के जीवों का कवच दूसरे संधिपाद जीवों के समान ही खंडों के समूहों में विभाजित रहता है, परंतु इनमें से प्राय: कुछ खंड एकीभंजित भी हाते हैं।
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हालांकि पंजों वाली झींगा मछलियाँ, अन्य अधिकाँश संधिपाद प्राणियों की तरह, ज्यादातर द्विपक्षीय समानता वाली होती हैं, इनके पास अक्सर किंग केकड़े जैसे असमान, विशिष्ट पंजे मौजूद होते हैं.
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हालांकि पंजों वाली झींगा मछलियाँ, अन्य अधिकाँश संधिपाद प्राणियों की तरह, ज्यादातर द्विपक्षीय समानता वाली होती हैं, इनके पास अक्सर किंग केकड़े जैसे असमान, विशिष्ट पंजे मौजूद होते हैं.
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लिनीयस ने सन् 1735 में कीट (इनसेक्ट = इनसेक्टम् = कटे हुए) वर्ग में वे सब प्राणी सम्मिलित किए थे जो अब संधिपाद समुदाय के अंतर्गत रखे गए हैं।
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विश्लेषण संचायक संचित लाभांश संजय संजीवनी विद्या संततिनिरोध संतरा संताल परगना संतोख सिंह भाई संधि संधिपाद प्राणी संधियाँ और स्नायु संधिशोथ संध्या (वैदिक) संपत्ति संपत्ति के प्रति अपराध संपादन संपीडित वायु संपूर्णानंद संबंध
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संचायक संचित लाभांश संजय संजीवनी विद्या संततिनिरोध संतरा संताल परगना संतोख सिंह भाई संधि संधिपाद प्राणी संधियाँ और स्नायु संधिशोथ संध्या (वैदिक) संपत्ति संपत्ति के प्रति अपराध संपादन संपीडित वायु संपूर्णानंद संबंध स्वामी संबलपुर