| 21. | सुधाकर की जुबेदा का गुस्सा (संवेद-1) एक छोटी पर अच्छी कहानी है.
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| 22. | हंस, वसुधा, परिकथा, अन्यथा, संवेद आदि पत्रिकाओं में कुछ कहानियां छपी हैं.
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| 23. | निधि और संवेद अनुभव में लिखी यह पुस्तक कोमल कोलाहल मन से शांति की बात करती है ।
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| 24. | यह इसलिये कि मौखिक और लिखित भाषा को मनुष्य अपने संवेद अंगों, इन्द्रियों से समझ सकता है।
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| 25. | इन विचारों में कुछ संवेद के रूप में होते हैं, कुछ मन के चिंतन का फल होते हैं।
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| 26. | इन विचारों में कुछ संवेद के रूप में होते हैं, कुछ मन के चिंतन का फल होते हैं।
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| 27. | आभा गुप्ता ठाकुर का यह हिंदी अनुवाद संवेद पत्रिका के जुलाई २ ० १ ० अंक से साभार)
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| 28. | शिव कुमार शिव की शताब्दी का सच (संवेद-1) भागते हुए शहर भागलपुर के आतंक की कथा है.
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| 29. | इन विचारों में कुछ संवेद के रूप में होते हैं, कुछ मन के चिंतन का फल होते हैं।
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| 30. | समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर असगर वजाहत ने और संचालन ‘ संवेद ' के संपादक किशन कालजयी ने किया।
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