| 21. | नंदन नीलेकणी, भंवर, भूमि पूजन, मनोचिकित्सा, मुकेश, रिस्क मैनेजमेंट, संशयात्मा
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| 22. | लेकिन गीता में कहा गया है न कि संशयात्मा विनश्यति।
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| 23. | जो संशयात्मा होता है, वह किसी की नहीं सुनता।
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| 24. | गीता में कहा है-संशयात्मा विनश्यति।
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| 25. | काहें से कि संस्किरित में लिखा है-संशयात्मा विनश्यते.
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| 26. | ही ऐसे संशयात्मा सहस्रों लाखों ' अर्जुनों' को निर्भय होने और चमकदार
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| 27. | संशयात्मा विनश्यति सन्देह की भावना वाला व्यक्ति नष्ट हो जाता है।
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| 28. | भंवर, भूमि पूजन, मनोचिकित्सा, मुकेश, रिस्क मैनेजमेंट, संशयात्मा
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| 29. | ÷ संशयात्मा ' संग्रह की कविताएं हमारे दौर की मुकम्मल तसवीर पेश करती हैं।
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| 30. | मिवोश संशयात्मा हैं (उनकी बाद की कविताओं से भी यह ज़ाहिर होता है।
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