बैठक आई. आई.ए. के अध्यक्ष श्री जुगल किशोर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें आई.आई.ए. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद मिगलानी, कोषाध्यक्ष श्री राम जी सेठ, पूर्व अध्यक्ष श्री अजय गुप्ता, श्री राम जी सुनेजा श्री परवीन सडाना एवं श्री अनिल गुप्ता, प्रदेश सचिव, आईसी जैन, मंडल अध्यक्ष शशि जैन, आदि ऑफिस बियरर्सों ने भाग लिया।
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इस अवसर पर लीगल सैल के जिला प्रधान शमशेर सिंह मलिक बार के पूर्व प्रधान अमर सिंह मलिक, अशोक भारद्वाज, दीपक सडाना, सचिव अमन चीमा, कुंवर विक्रम सिंह, रणधीर सिंह खेड़ी, मेहर सिंह मलिक, धर्म सिंह ढांडा, रतन सिंह, नसीब पलवल, हरदयाल सिंह तथा तिरलोक ङ्क्षसह मौजूद थे।
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एक पी0ए0वाद सं0 7 / 93 रोषन लाल बनाम जयदेव सडाना पूर्व में योजित किया गया था और अपीलार्थी-भवन स्वामी द्वारा विवादित दुकान की निर्मुक्ति अपने लिए चाही गई थी लेकिन तत्पष्चात अपीलार्थी-भवन स्वामी की नियुक्ति सहायक श्रमायुक्त के पद पर हो जाने के कारण उसकी आवष्यकता समाप्त हो गई और तद्नुसार उसने अपना वाद अदम पैरवी में खारिज करा लिया।
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इस दौरान श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष पं. कृष्ण मुरारी शर्मा, पवन जैन, राजेन्द्र शर्मा, सुनील कलाकार, अभिषेक खैरा, राकेश वर्मा (डेबिड), आशीष मालवीय, प्रेम सडाना, नरेश गोस्वामी, राजेन्द्र तिवारी, चन्द्रमोहन मेहता, अशोक यादव, अखिलेश श्रीवास्तव, नरेन्द्र शर्मा, राममूर्ति तिवारी सहित सभी पत्रकारों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
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शिष्टमंडल में चेयरमैन प्रवीन उमरी, मायाराम चन्द्रभानपुरा, हलका प्रधान ओमप्रकाश हथीरा, रामस्वरूप चोपड़ा, जिला प्रवक्ता रामपाल शर्मा, नगरपार्षद नरेन्द्र शर्मा, विवेक मैहता, दीपक सिंगला, ओमप्रकाश, पवन वधवा, मोहनलाल अरोड़ा, मनू जैन, संदीप टेका, केहर ङ्क्षसह सिंहपुरा, नरेन्द्र घराड़सी, सतबीर शर्मा, एडवोकेट सुलतान ङ्क्षसह, शमशेर सिंह मलिक, धर्मसिंह ढांडा, दीपक सडाना, मनोज कौशिक, सुभाष मिर्जापुर, सुखदेव राणा शामिल हुए।
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इए अवसर पर चेयरमैन प्रवीन उमरी, मायाराम चन्द्रभानपुरा, हलका प्रधान ओमप्रकाश हथीरा, रामस्वरूप चोपड़ा, जिला प्रवक्ता रामपाल शर्मा, नगरपार्षद नरेन्द्र शर्मा, विवेक मैहता, दीपक सिंगला, ओमप्रकाश, पवन वधवा, मोहनलाल अरोड़ा, मनू जैन, संदीप टेका, केहर ङ्क्षसह सिंहपुरा, नरेन्द्र घराड़सी, सतबीर शर्मा, एडवोकेट सुलतान ङ्क्षसह, शमशेर सिंह मलिक, धर्मसिंह ढांडा, दीपक सडाना, मनोज कौशिक, सुभाष मिर्जापुर, सुखदेव राणा मौजूद रहे।
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मन, हृदय एवं आत्मा को छूने वाला लेख | हार्दिक अभिनंदन | जैसे एक रोगी को सम्पूर्ण आरोग्य तभी मिल पाता है कि जब चिकित्सक उसके रोग को पहचान कर उसको यथोचित औषध देते हैं ; ठीक उसी तरह जब हम ‘ स्वयं ‘ को पहचानने लगते हैं, तो सकारात्मक ऊर्जाएं हमें वह सहयोग देना प्रारंभ कर देतीं हैं कि अब मन, वचन एवं कर्म की सारी रचनाएँ श्रेष्ठ से श्रेष्ठतर होने लगती हैं | आभार रजनी सडाना
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एक मार्मिक कहानी जो मस्तिष्क पर एक चिर प्रभाव छोड़ती है | एक ऐसी प्रेरणा जो एक अलार्म बन हमे सावधान करती है कि मानव जीवन अत्यधिक अप्रत्याशित है, कोई नहीं जानता कि कब हम दैव द्वारा किस मोड़ पर ला खड़े कर दिए जाएँ इसलिए अपने इष्ट से सदा जुड़े रहें और उसके दिए हुए हर सुख-दुःख को उसकी “ इच्छा ” मानकर स्वीकारते रहें ताकि अपने कर्मों को करने के लिए हमें प्रकृति से भरपूर ऊर्जा मिलती रहे | आभार रजनी सडाना