| 21. | विद्यार्थी में सत्वगुण कैसे बढ़े? रजो, तमोगुण से रक्षा कैसे हो?
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| 22. | इनमें सत्वगुण की प्रधानता होती है और ये स्थिर स्वभाव के होते हैं.
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| 23. | तंत्र शास्त्र में तीन गुणों की चर्चा होती है-सत्वगुण, रजोगुण और तमोगुण।
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| 24. | सत्वगुण तो कभी प्रमुख हुआ ही नहीं, बस उसके होने का अभिनय मैं करता रहा।
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| 25. | तमस और राजस वृत्तियों और विचारों के पार जाकर सत्वगुण का ग्रहण ही सत्संग है।
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| 26. | तमस और राजस वृत्तियों और विचारों के पार जाकर सत्वगुण का ग्रहण ही सत्संग है।
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| 27. | इसी क्रम में एक भिन्न सत्वगुण मूलक शरीर धारण कर पितृ देवताओं का सृजन किया।
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| 28. | सत्वगुण तो कभी प्रमुख हुआ ही नहीं, बस उसके होने का अभिनय मैं करता रहा।
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| 29. | फिर इसी दुनियादारी के ख्याल में ही कहीं सत्वगुण के ख्याल भी निकलने शुरू होगे ।
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| 30. | कैसे बढ़े विद्यार्थी में सत्वगुण? कैसे बढ़े विद्यार्थी में सत्वगुण?-सान्ध्य महालक्ष्मी भाग्योदय, नई दिल्ली-11.06.2013..
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