इस जनसुनवाई के लिए गोरखपुर गाँव को पूरी तरह छावनी बना दिया गया था-दर्जनों पुलिस और अर्द्धसैनिक वाहनियों की तैनाती, धारा 144 लागू करने, दंगा-नियंत्रण वाहनों और आंसू गैस के गोलों के साथ प्रशासन यहाँ पहुंचा था और सभा-स्थल को कंटीले तारों से घेर दिया गया था.
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यह भूलने वाली बात नहीं है कि बाबा रामदेव की सभा लोकतांत्रिक नियमों के अतंर्गत ही जुटी थी, वह सभा किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं कर रही थी, सभी लोग सेक्युरिटी चेकिंग के बाद ही सभा-स्थल पर प्रविष्ठ हुए थे, फिर भी पुलिस आधी रात अचानक पहुंच कर सभा को तितर-बितर करने लगी।