भाईया यह बात सिर्फ़ इन फौजी लोग की नही भारत मै जिस की भी चलती है वो यह सब करते है, इस मै कसुर इन फौजी लोग का नही हमारी मानसिकता ही ऎसी है, फ़िर इन लडकियो को खुद ही नही जाना चाहिये था उस डिब्बे मै, हम सब बिगडे हुये है ओर सिर्फ़ हम लातो की भाषा समझते है, सभ्य बनाना हमे अच्छा नही लगता