हिंदू समाज प्रारंभ से ही समजातीय रहा है पहले वर्ण व्यवस्था की ही बात थी वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में सामाजिक कार्यों के बंटवारे के लिए किया गया था, लेकिन बाद में जो इसमें विकृतियां आयी वो विकृतियां ऐसी थी कि इससे जो विभेद उभरे वह काफी तीखे होते चले गये और समस्या का कारण बनते चले गये.
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संदर्भ क्या इससे समाज बंट जायेगा! हिंदू समाज प्रारंभ से ही समजातीय रहा है पहले वर्ण व्यवस्था की ही बात थी वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में सामाजिक कार्यों के बंटवारे के लिए किया गया था, लेकिन बाद में जो इसमें विकृतियां आयी वो विकृतियां ऐसी थी कि इससे जो विभेद उभरे वह काफी तीखे होते चले गये और समस्या का कारण बनते चले गये.