-वे दोनों उनके लिए उनकी समझ बूझ के अनुसार पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जीवनी, आपके युद्धों, सहाबा और सहाबियात रिज़वानुल्लाह अलैहिम की जीवनियों की व्याख्या करें, ताकि वे इन चयनित लोगों की मोहब्बत पर पले बढ़ें, उनके व्यवहार से प्रभावित हों, और अपने आप को सुधारने और अपने धर्म की सहायता व समर्थन के रास्ते में निःस्वार्थता और कार्य के लिए उत्सुक व उत्साहित हों।
22.
'-यह वाक्य भ्रामक लगता है चिम्पांजी में वोकल कार्ड और वेर्बैलायिजेशन की क्षमता अल्प विकसित ही रह गयी जिससे वह काफी बुद्धिमान होने के बावजूद मनुष्य की तुलना में बहुत पिछड़ गया-कृपया इस वाक्य को सही ढंग से समझ बूझ के ही बने रहने दें-मुझे भ्रम हुआ है तो कुछ समस्या अवश्य मानिये! बाकी आपकी मर्जी-हाँ यह जरूर बता दूं मैं इस मामले में विशेषग्य कतई नहीं हूँ-यह तथ्य के पुनर्सत्यापन के लिए बस एक आग्रह भर है!
23.
(52) जिसे हर तरह समझ बूझ के तफसीलदार बयान कर दिया है (और वह) ईमानदार लोगों के लिए हिदायत और रहमत है क्या ये लोग बस सिर्फ अन्जाम (क़यामत ही) के मुन्तज़िर है (हालांकि) जिस दिन उसके अन्जाम का (वक़्त) आ जाएगा तो जो लोग उसके पहले भूले बैठे थे (बेसाख़्ता) बोल उठेगें कि बेषक हमारे परवरदिगार के सब रसूल हक़ लेकर आये थे तो क्या उस वक़्त हमारी भी सिफरिष करने वाले हैं जो हमारी सिफारिष करंे या हम फिर (दुनिया में) लौटाएं जाएं तो जो जो काम हम करते थे उसको छोड़कर दूसरें काम कर