यदि हम अपनी दृष्टि को 10 गुनी अंतर्मुखी कर लें तो दृश्य तारों की संख्या 1000 गुना बढ़ जाएगी, अर्थात् यदि तारों को समरूप से फैला हुआ मान लिया जाए तो उनकी संख्या उनकी दूरी की छह गुनी बढ़ जाएगी।
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यदि हम अपनी दृष्टि को 10 गुनी अंतर्मुखी कर लें तो दृश्य तारों की संख्या 1000 गुना बढ़ जायेगी, अर्थात् यदि तारों को समरूप से फैला हुआ मान लिया जाए तो उनकी संख्या उनकी दूरी की छह गुनी बढ़ जाएगी।
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यदि हम अपनी दृष्टि को 10 गुनी अंतर्मुखी कर लें तो दृश्य तारों की संख्या 1000 गुना बढ़ जाएगी, अर्थात् यदि तारों को समरूप से फैला हुआ मान लिया जाए तो उनकी संख्या उनकी दूरी की छह गुनी बढ़ जाएगी।
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गुप्त ऊर्जा के दो प्रस्तावित रूप ब्रह्माण्ड संबंधी नियतांक, जो अंतरिक्ष को समरूप से क्रमबद्ध करने वाली ऊर्जा घनत्व का स्थिरांक है, और अदिश क्षेत्र जैसे कि सार तत्व या मॉड्यूली, जो गतिशील राशियां हैं जिनका ऊर्जा घनत्व समय एवं स्थान में भिन्न हो सकता है.
25.
ब्रह्माण्ड के विषय में प्रथम व्यापक सिद्धान्त 1917 में आइन्स्टाइन ने प्रतिपादित किया था, उसकी एक चाबी थी ‘ ब्रह्माण्ड की स्थिर दशा ' ; सारे दिक् में नक्षत्रों आदि के वितरण को देखते हुए बीसवीं शती के प्रारम्भ में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला था कि ब्रह्माण्ड में तारे समांगी या समरूप से वितरित हैं।