और ये क्या लिखा है, अगले अंक में समाप्य? याद है न तुम्हारा ऐतराज?:)) इंतज़ार है अगली कड़ी का।
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वहीं आध्यात्मवादी इस तथ्य को इस तरीके से लेता है कि जब मृ्त्य अवश्यंभावी है, यह शरीर नश्वर है तो एसे क्षण-प्रतिक्षण समाप्य होते जा रहे इस शरीर के द्वारा भोगे जा रहे सुख भी नश्वर ही हैं।
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पहले सोचा था कि लित्तू भाई की कहानी इस कड़ी में समाप्त हो जायेगी मगर लिखना शुरू किया तो लगा कि मुझे एक बैठक और लगानी पड़ेगी, मगर इस बार का व्यवधान लंबा नहीं होगा, इस बात का वादा है इसलिए विश्वास से कह रहा हूँ कि “अगले अंक में समाप्य.”
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सवाल आपकी सेहत के ज़वाब माहिरों के (तीन किस्तों में समाप्य) प्रश्न: कैसे काम करता है हमारा इम्यून सिस्टम (रोगप्रतिरोधी तंत्र)? कैसे रखा जाए इसे दुरुस्त? उत्तर: कुदरत के बख्शे हुए इस रोग प्रति-रक्षा कवच पर हमारा ध्यान तभी जाता है जब हम बीमार पड़ जाते हैं।
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पहले सोचा था कि लित्तू भाई की कहानी इस कड़ी में समाप्त हो जायेगी मगर लिखना शुरू किया तो लगा कि मुझे एक बैठक और लगानी पड़ेगी, मगर इस बार का व्यवधान लंबा नहीं होगा, इस बात का वादा है इसलिए विश्वास से कह रहा हूँ कि “ अगले अंक में समाप्य. ”
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और हाँ! जब तुम तैयार हो कर बाहर आओगी तब तक मैं नग्न हो चुका हूँगा! अब जैसे तुम ठीक समझो!“ उसने अपने को शान्त दिखाते हुए कहा,”धन्यवाद टिम!” उसके बाद क्या हुआ?...क्या करेन न्यूडिस्ट बन पाई?..क्या उसे यह सब अच्छा लगने लगा था?...क्या करेन के मेरे साथ सम्बन्ध बने?...आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें कहानी का अगला भाग! कई भागों में समाप्य!