ज्यादातर समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग रोजमर्रा की बातचीत में होता है, जैसे कि “ग्रुप” शब्द बहुत आम शब्द है और यह किसी एक प्रकार की मूल वस्तु का भान नहीं कराता.
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बात सिर्फ़ इतनी है आर्मी (army) शब्द ऐंट(ant) की समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) के तौर पर जाना जाता है जबकि ऐप्स यानी लंगूर के समूह के लिए ट्रुप (troop) का प्रयोग होता है.
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ब्रिटिश अंग्रेजी में यह स्वीकार कर लिया गया है कि समूहवाचक संज्ञा संदर्भ और इसके तात्पर्य के लक्षणालंकारिक परिवर्तन के आधार पर क्रिया रूप में एकवचन या बहुवचन की तरह लिये जा सकते हैं.
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भाषा विज्ञान में, समूहवाचक संज्ञा वह शब्द है जिसका इस्तेमाल वस्तुओं के समूह को परिभाषित करने के लिए किया जाता है, व जिसमें व्यक्ति, पशु, भावनाएं, निर्जीव वस्तु, अवधारणाएं या अन्य चीजें हो सकती है.
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जिसने नाम न लिखा वो बेनामी, पर जिन्होंने ने नाम लिखा है उन्हें तो व्यक्तिवाचक संज्ञा से सम्बोधित किया जाना चाहिए, सुनामी जैसे जतिवाचक या समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग उचित नहीं लगता.
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(ख) विभिन्न अवयव का अंतर ऐसा समूहवाचक संज्ञा में भी देखा जाता है, समूह और इसके (व्याकरण और नैतिकता दोनों ही दृष्टि से) जो कि लक्षणालंकारिक परिवर्तन का नतीजा है, जिसकी चर्चा पहले भी की जा चुकी है.
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सदियों से चली आ रही गलतफहमियों की वजह से सभी शब्दों को समूहवाचक संज्ञा मान लिया गया है और कुछ भाषा में बदलाव के जरिए और लिप्यांरण की त्रुटि के कारण पहचाने जाने योग्य नहीं रह गए हैं:
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अन्य, विशेष रूप से ऐसे शब्द जो समूहवाचक संज्ञा के बहुत बड़े उपवर्ग से संबंधित है टर्म्स ऑफ वेनरी (पशुओं के समूह के लिए शब्द) के रूप में जाने जाते हैं, एक ही प्रकार की जाति की वस्तुओं को दर्शाते हैं.
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बात सिर्फ़ इतनी है आर्मी (army) शब्द ऐंट (ant) की समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) के तौर पर जाना जाता है जबकि एप्स यानी लंगूर के समूह के लिए ट्रूप (troop) का प्रयोग होता है.
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हालत ये है कि पिछले हफ़्ते अंग्रेजी में समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण के तौर पर जो शब्द मेरे पुत्र को तीसरी कक्षा में याद करने को दिए थे वे इतने जटिल थे कि उनको देखने के लिए मुझे डिक्शनरी और नेट का सहारा लेना पड़ा।