नेपाल तथा आगरा तथा राजपूताना आदि स्थानों में घूमते रहने के बाद एक दिन अखबार में देखा कि सरकारी ऐलान में आप पर से भी वारण्ट हटा लिया गया था, बस फिर आप घर वापस आ गए और रेशम के सूत का कारखाना खोलकर कुछ दिन तक आप घर का काम काज देखते रहे ।
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थोडी देर सुविधा के लिए ' 'सनातनी'' टर्मिनोलोजी का इस्तेमाल करें, तो सतयुग त्रेता-द्वापर काल-खंडों में इन आदिवासियों को असुर, दैत्य, दानव, राक्षस, प्रेत न जाने क्या-क्या संज्ञाएं देकर मनुष्य जाति होने से नकारते रहने का दुष्चक्र रचा गया और इस कलियुग में उनकी आदिवासी पहचान (इंडिजीनस आइडेंटीटी) को नष्ट करने के लिए उन्हें जनजाति या वनवासी कहा जाकर उनके मौलिक स्वरूप को ही तिरोहित करने का बाकायदा सरकारी ऐलान किया जा रहा है।
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थोडी देर सुविधा के लिए ' ' सनातनी '' टर्मिनोलोजी का इस्तेमाल करें, तो सतयुग त्रेता-द्वापर काल-खंडों में इन आदिवासियों को असुर, दैत्य, दानव, राक्षस, प्रेत न जाने क्या-क्या संज्ञाएं देकर मनुष्य जाति होने से नकारते रहने का दुष्चक्र रचा गया और इस कलियुग में उनकी आदिवासी पहचान (इंडिजीनस आइडेंटीटी) को नष्ट करने के लिए उन्हें जनजाति या वनवासी कहा जाकर उनके मौलिक स्वरूप को ही तिरोहित करने का बाकायदा सरकारी ऐलान किया जा रहा है।