पुरनिया पेड़ की छांह में ' तमाम रहस्यों से दूर लोक का वह मंगलकारी रूप है ' यहाँ आपको बिना जात-पाँत पूछे ' ' मिल सकता है उपलब्ध भोजन ' समाज के व्यापक निर्माण में अपनी समझ के लोकतांत्रिक तंतुओं में ' धर्म और इतिहास के मुहाने से ' रचा बसा है कवि-' क्योंकि मनुष्य का इतिहास उत्पीडन का इतिहास नहीं, आज़ादी का इतिहास होता है '-एजाज अहमद (सर्जनशीलता हमेशा सामाजिक होती है)