| 21. | “अभ्यानुकूलित” क्रियाओं का भी कोई पूर्वगामी या सहचारी चेतना अनुभव नहीं होता, और आचरण भी व्यक्ति की इच्छा के अधीन नहीं होता।
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| 22. | अत: दोनों सहचारी हैं और इसलिए उनमें सहभाव नियम अविनाभाव है तथा शिंशपात्व और वृक्षत्व इन दोनों में व्याप्य-व्यापक भाव है।
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| 23. | यहां ज्यामिति की प्रतिलिपि सहचारी रूप से अगले स्तर पर बनाई जाती है, जो कि उत्पाद के विभिन्न उप-तंत्रों का प्रतिनिधित्व करता है.
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| 24. | यहां ज्यामिति की प्रतिलिपि सहचारी रूप से अगले स्तर पर बनाई जाती है, जो कि उत्पाद के विभिन्न उप-तंत्रों का प्रतिनिधित्व करता है.
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| 25. | स्वाभाविक रूप से पूर्व निर्धारित सहचारी मॉडल सभी संभावनाओं का पूर्वानुमान कर पाने में सक्षम नहीं होंगे और उनमें अतिरिक्त कार्य की आवश्यकता होगी.
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| 26. | स्वाभाविक रूप से पूर्व निर्धारित सहचारी मॉडल सभी संभावनाओं का पूर्वानुमान कर पाने में सक्षम नहीं होंगे और उनमें अतिरिक्त कार्य की आवश्यकता होगी.
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| 27. | आधार और शीर्ष शिराएँ बाहू के भीतरी और बाहरी पार्श्वों पर होती हुई ऊपर को चली जाती हैं और बाहरी धमनी की सहचारी शिराएँ (
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| 28. | इस क्रिया का न तो कोई पूर्वगामी अथवा सहचारी चेतन अनुभव होता है, और न ही यह व्यक्ति की इच्छा के बस में रहती है।
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| 29. | फिर भी भरतकृत संबंध स्थापन से इतना संकेत अवश्य मिलता है कि कथित रसों में परस्पर उपकारकर्ता विद्यमान है और वे एक दूसरे के मित्र तथा सहचारी हैं।
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| 30. | फिर भी भरतकृत संबंध स्थापन से इतना संकेत अवश्य मिलता है कि कथित रसों में परस्पर उपकारकर्ता विद्यमान है और वे एक दूसरे के मित्र तथा सहचारी हैं।
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