सवाल उठाना, शक करना मानव की सहज प्रवृति है, इसलिए लोगों ने सीता जैसी पवित्र स्त्री पर भी शक किया, यानी शक किसी पर भी किया जा सकता है, सवाल किसी पर भी उठाया जा सकता है।
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जबकि मेरे संज्ञान के अनुसार श्री सांई बाबा बहुत ही उदार एवं सहज प्रवृति के तथा सर्व जन कल्याण की कामना रखने वाले सात्विक विचारों और सभी धर्माें को मानने वाले अवतारिक सख्शियत देव पुरूष थे, जो आज भी चमत्कारिक रूप से सर्व जन कल्याण कर रहे हैं।
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जरूर वह गिरेगा, चोट खाएगा, कभी अपनी टांगे, सिर भी तुड़वाएगा, लेकिन आखिरकार उसकी सहज प्रवृति चलने की ही है तो वह चलेगा नहीं क्या? इसी तरह एक इंसान होने भर से एक महिला की सहज प्रवृति आजादी की ही है, कोई माने या नहीं।
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जरूर वह गिरेगा, चोट खाएगा, कभी अपनी टांगे, सिर भी तुड़वाएगा, लेकिन आखिरकार उसकी सहज प्रवृति चलने की ही है तो वह चलेगा नहीं क्या? इसी तरह एक इंसान होने भर से एक महिला की सहज प्रवृति आजादी की ही है, कोई माने या नहीं।
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इधर काफी समय से कुछ असामाजिक तत्वों ने मिल कर पूज्य बापू आसाराम जी के कुप्रचार में एक लोक भड़काऊ अभियान छेड़ रखा है जिसके तहत सनातन संस्कृति और सभ्यता को मज़बूत बनाने और सुख दुःख में सम रहने की सहज प्रवृति जगाने वाले पूज्य बापू पर कई तरह के झूठे, बेबुन...
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इधर काफी समय से कुछ असामाजिक तत्वों ने मिल कर पूज्य बापू आसाराम जी के कुप्रचार में एक लोक भड़काऊ अभियान छेड़ रखा है जिसके तहत सनातन संस्कृति और सभ्यता को मज़बूत बनाने और सुख दुःख में सम रहने की सहज प्रवृति जगाने वाले पूज्य बापू पर कई तरह के झूठे, बेबुन
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माँ दुर्गा असुर संहारक उनके आगमन का तात्पर्य हम अपने भीतर की नकारात्मकता आसुरी प्रवृति को खत्म करें! नकारात्मक सोच सहज प्रवृति है पर कल्पना के कई स्रोत होते हैं एक जो हर हाल में सकारात्मक हो दूसरा मर्यादित तीसरा हिंसात्मक.......... संस्कार और पालन-पोषण भावभंगिमा शब्दों के उचित-अनुचित प्रयोग से स्पष्ट उजागर होते हैं! मातृत्व की गरिमा लिए सौन्दर्य, जय, यश लिए माँ दुर्गा जयकार सुनने नहीं आतीं नहीं आतीं यह देखने कि कितने फलों से उन्हें पूजा गया है दाता को कमी किस बात की...