एक 5-2-4-2 की लय में धीमी गति से लयबद्ध सांस (5 साँस छोड़ना जा रहा है, और 4 साँस लेना है) बनाता प्राण श्रोणि में और पैरों में प्रवा ह.
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मसलन गुजराती में एक शब्द है “ निसासो ” यानि एक हद तक हिन्दी में हम कह सकते हैं कि “ ठंडी सी दु: खभरी साँस छोड़ना! लेकिन गुजराती में निसासो शब्द एक अलग भाव प्रस्तुत करता है।
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गंभीर अस्थमा रिसर्च प्रोग्राम (सर्प) से अध्ययन में पाया गया कि गंभीर अस्थमा के साथ लोगों के अधिक करने के लिए फेफड़ों में हवा फँसाने “, एक शर्त है कि एक पूरी साँस छोड़ना रोकता के लक्षण दिखाने की संभावना है.
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श्री श्री रविशंकर: सुनिए, यह बहुत स्वाभाविक है | आपने एक गहरी साँस अंदर ली है तो साँस छोड़ना आपके लिए स्वाभाविक और सहज ही है | अगर आपने अपनी मुट्ठी को कसकर पकड़ रखा है, तो आपको उसे खोलने का सहज भाव आएगा ही | जब आपकी हथेली खुली है, तो आपको उसे दोबारा कसकर पकड़ने की स्वाभाविक प्रवृत्ति आएगी ही | इसीलिए मोक्ष की चाह उतनी ही स्वाभाविक है जितना अंदर ली हुई साँस को बाहर छोड़ना |