| 21. | साक़ी ने मेरे हाथ का सागर बदल दिया।
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| 22. | मेरा ज़ौक़-ए-तलब शायद अभी तक ख़ाम है साक़ी
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| 23. | ए साक़ी, तू रोज पिलाता है मय मुझको
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| 24. | यह तो साक़ी की दया है मीत मेरे
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| 25. | मगर अब ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी है मोजज़न साक़ी
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| 26. | आँख साक़ी न चुराना, हम इधर बैठे हैं।
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| 27. | साक़ी टुक एक मौसम-ए-गुल की तरफ़ भी देख
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| 28. | महफ़िल उनकी, साक़ी उनका आंखे मेरी, बाक़ी उनका
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| 29. | हाय किस साक़ी ने पटका इस तरह मीना-ए-दिल१५
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| 30. | जी करता है सदा रहूँ टेरे साक़ी को
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