साथ ही इसमें सार्वजनिक निधीकृत अनुसंधान और विकास के वाणिज् यीकरण तथा निवेशकों को प्रोत् साहन देने के लिए एक उपयुक् त विधायी रूपरेखा की आवश् यकता है, जहां सरकार, निधि प्राप् त करने वाले, नवाचारी और सार्वजनिक लाभ को बौद्धिक संपदा के संरक्षण एवं वाणिज् यीकरण में उपयोग किया जा सके।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता वाईआर मांटेसरी स्कूल के प्रबंधक राकेश ने की और कहा कि यदि नेताजी के बारे में स्कूलों में बड़े स्तर पर कार्यक्रम होंगे तो उनके व्यक्तित्व का इस देश और समाज को सार्वजनिक लाभ मिलेगा, आज इस देश को नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है, स्मारिका बच्चों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पदचिन्हों पर ले चलने में अवश्य लाभदायक होगी।